किताब में दौलत के निम्न सिद्धांतों के बारे में बताया है जिसे हरेक व्यक्ति को अपने मन मष्तिष्क में धारण करके रखना चाहिए-

आपकी आमदनी उसी हद तक बढ़ सकती है जिस हद तक आप बढ़ सकते हैं।

अगर आप फलों को बदलना चाहते हैं तो पहले आपको जड़ों को बदलना होगा। अगर आप दिखाई देने वाली चीजों को बदलना चाहते हैं तो उसके पहले आपको अदृश्य चीजों को बदलना होगा।

धन परिणाम है, दौलत परिणाम है, सेहत परिणाम है, बीमारी परिणाम है, आपका मोटापा परिणाम है। हम कारण और परिणाम की दुनिया में रहते हैं।

मुझे पांच मिनट का समय दें। मैं धन के बारे में आपकी सोच जानकर आपकी पूरी जिंदगी की आर्थिक स्थिति की भविष्यवाणी कर सकता हूं।

विचार भावनाओं तक ले जाते हैं। भावनाएं कार्यों तक ले जाते हैं। कार्य परिणामों तक ले जाते हैं।

जब अवचेतन मष्तिष्क को गहरी भावनाओं और तर्क में से किसी एक को चुनना होता है, तो भावनाएं लगभग हमेशा जीतेंगी।

अगर धन या सफलता की प्रेरणा की जड़ नकारात्मकता है, जैसे डर, गुस्सा या खुद को साबित करने की जरूरत, तो पैसा आपको कभी सुखी नहीं बना सकता।

कमरे के तापमान को स्थायी रूप से बदलने का इकलौता तरीका थर्मोस्टेट को दोबारा निर्धारित करना है। इसी तरह, अपनी वित्तीय सफलता के स्तर को स्थायी रूप से बदलने का एकमात्र तरीका अपनी वित्तीय थर्मोस्टेट यानि अपने धन के बारे में सोच को दोबारा निर्धारित करना है।

बाधक तरीकों से सोचने के बजाय आप खुशी और सफलता बढ़ाने वाले तरीकों से सोचने का चुनाव कर सकते हैं।

अमीर बनने की सोच है - मैं अपनी जिंदगी खुद बनाता हूॅं।

गरीब रहने की सोच है- जिंदगी में मेरे साथ घटनाएं होती है।

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